सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का इलाज कैसे करे, सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द से कैसे छुटकारा पाए, इस दर्द के लक्षण और उपाय.


आमतौर पर हर उम्र का व्यक्ति सिरदर्द से ग्रसित होता है. विश्वस्तर पर, पिछले साल लगभग आधी दुनिया ने कम से कम एक बार सिरदर्द का अनुभव किया है. वहीं कुछ लोग हर महीने 15 या ज्यादा दिनों तक इसका अनुभव करते हैं.

सामान्यत: 100 से अधिक प्रकार के सिरदर्द होते हैं. इनमें कुछ सिरदर्द कॉमन है. सिरदर्द को लोग अक्सर हल्के में लेते हैं. इसे तब तक नजरअंदाज करते हैं, जबतक  कि वह गंभीर न हो जाए. जागरूकता की कमी के कारण सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का इलाज लोग नहीं कराते है.

अमूमन, कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों में गर्दन दर्द, माइग्रेन और सिरदर्द की आशंका अधिक होती है. इसका मुख्य कारण डिजिटल स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करना है. लॉकडाउन में डिजिटल स्क्रीन का        इस्तेमाल अत्याधिक बढ़ा है .

वहीं, 'वर्क  फ्रॉम होम ' के दौरान लोगों ने शरीर की मुद्रा पर  बिल्कुल भी ध्यान  नहीं दिया, जिसके कारण सिरदर्द एवं रीढ़ की समस्याओं में वृद्धि हुई है. सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द ,गर्दन यानी कि सिर के पिछले हिस्से में होता है. सही उपचार कराने पर आप इससे छुटकारा पा सकते हों.
 


सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द
सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द सर्वाइकल स्पाइन या गर्दन से शुरू होता है. वास्तव में समस्या गर्दन में होती है, लेकिन इसका दर्द सिर और चेहरे के कुछ हिस्सों में फैल जाता है. इससे ग्रसित हर व्यक्ति की गर्दन में जकड़न नही होती हैं. उन्हें इसके दर्द का अनुभव जरूर होता है. जॉइंट्स, डिस्क, गर्दन की मांसपेशियां और आस -पास की कोशिकाएं गर्दन में दर्द को ट्रिगर करती हैं. गर्दन के ऊपरी जॉइंट्स रीढ़ के ऊपरी हिस्से के नर्व डिसॉर्डर से जुड़े होते हैं, जो इस दर्द के मुख्य कारण हैं. ध्यान रहे कि इस प्रकार के सिरदर्द में कॉमन सिरदर्द की दवाइयां बिल्कुल असर नहीं करती हैं. 

किसे है सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द से अधिक खतरा :-
इस प्रकार का सिरदर्द महिलाओं में अधिक होता है. यदि सिर को लंबे समय के लिए झुकाकर रखना पड़ता है, तो इस प्रकार के दर्द का खतरा बढ़ जाता है. हेयर स्टाइलिस्ट, ट्रक ड्राइवर आदि लोगों में इसका खतरा बढ़ जाता है. उन्हें ज्यादा परेशानी होती है, जो लंबे समय से तीव्र सिरदर्द की समस्या और गर्दन की मोच से पीड़ित हैं. इसमें सिर का एक हिस्सा शामिल होता है, जिसमें गंभीर दबाव का एहसास होता है. गर्दन को हिलाने पर दर्द बढ़ जाता है, जबकि आराम करने से राहत मिलती है. यह दर्द सिर के पीछे, आगे, ऊपर और साइड में हो सकता है. कई बार यह दर्द आंखों के आस-पास महसूस होता है. कई बार हाथों, कंधों और जबड़े में दर्द होता है. 

इलाज :-
इसके लक्षण अन्य  प्रकार के सिरदर्द से मिलते -जुलते हैं. इसलिए, इसका सही निदान थोड़ा मुश्किल है. गंभीर होने पर यह माइग्रेन का संकेत देता है. यहां तक कि यह दर्द अन्य सिरदर्दों के साथ भी हो सकता है. माइग्रेन होने पर इसका उपचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. सिरदर्द के अलावा तनाव का स्तर, ऑफिस का वातावरण, असंतुलित आहार और अपर्याप्त नींद इसके जोखिमों को बढ़ा देता है. सही इलाज के लिए परीक्षणों और जांच के साथ इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है. एक्स -रे, सीटी-स्कैन और एमआरआइ द्वारा इस बीमारी का पता लगाया जाता है.

 बचाव:-
जीवनशैली में बदलाव, फिजिकल थेरेपी, मेडिकेशन, दर्द निवारक इंजेक्शन और कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ती हैं. सोने की अव्यवस्थित मुद्रा, ऑफिस में गलत मुद्रा में बैठना और जीवनशैली संबंधी अन्य गलत आदतों में सुधार करें. एंटी इन्फ्लेमेटरी, मांसपेशियों को रिलेक्स करने वाली दवा और पेन किलर्स दी जाती हैं. फिजिकल थेरेपी के साथ दवाओं की डोज लेने पर जल्दी राहत मिलती है. सिरदर्द से लंबे समय के राहत के लिए रेडियो थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है.

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