Osteoporosis kya hai. Osteoporosis se sabse jayada khatra kise hai. Eske bachav ke liye kya kare. Osteoporosis ke karan kya hai. Esse bachane ke liye kin baato ka dhayan rakhna jaruri hai, puri jankari hindi me.

ऑस्टियोपोरोसिस क्या है. ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज्यादा खतरा किसे है. इसके बचाव के लिए क्या करें. ऑस्टियोपोरोसिस के कारण क्या है. इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, पूरी जानकारी हिंदी में.
नमस्ते दोस्तों कैसे हैं आप, आज मैं आपको इस लेख में ऑस्टियोपोरोसिस क्या है (What is Osteoporosis), तथा इसके क्या कारण एवं बचाव के तरीके के बारे में इस लेख में बताऊँगी. तो आइए आगे इससे संबंधित जानकारी से रुबरू होते हैं.

ऑस्टियोपोरोसिस में शरीर की हड्डियों का घनत्व (बोन मिनरल्स डेंसिटी) कम होने लगता है. इससे हड्डियां धीरे-धीरे घिसने के कारण कमजोर होने लगती हैं.

मेनोपॉज के बाद अमूमन 50-55 साल की उम्र के बाद अस्थि क्षरण काफी बढ़ जाता है. हड्डियों और आस-पास की मांसपेशियों में लागातार दर्द रहता है, जिससे मरीज की गतिविधियां सीमित हो जाती हैं.

कई बार गिरने या मामूली चोट लगने के कारण फ्रैक्चर हो सकता है. कई मामलों में हड्डियों का घनत्व इतना कम हो जाता है कि हड्डियां अपने आप टूटने लगती हैं. कई बार हड्डियों में आयी एक ऐसी विकृति विकलांगता का रूप ले लेती है. ऐसी ही एक बीमारी है अस्थिक्षरण (ऑस्टियोपोरोसिस), जिसका खतरा महिलाओं में अधिक होता है. आइए जानें कैसे बेहतर खान-पान या जीवनशैली में बदलाव लाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है.

महिलाओं  में बीमारी का खतरा अधिक
कुछ महिलाओं में विटामिन डी की भारी कमी हो जाती है, जिससे इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा मोटापा और समय से पहले मेनोपॉज होने वाली महिलाओं में इसका जोखिम बढ़ जाता है. एक अनुमान के मुताबिक, देश में 2013 तक 3.6 करोड़ लोगों में इस बीमारी की आशंका जतायी गयी थी.

अस्थिक्षरण एक धीमी प्रक्रिया है, इसमें हड्डियां रातों-रात कमजोर नहीं होती, बल्कि यह प्रक्रिया सालों तक चलती है. 30 साल की उम्र के बाद अंदरूनी टिशूज के निर्माण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और 55 साल की उम्र तक ये टिशूज धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं. ऐसी में हड्डियों में कैल्शियम का अवशोषण कम होने से उनके घनत्व में कमी आ जाती है .

बचाव के उपाय
आमतौर पर 30 साल के बाद शरीर मेें कैल्शियम की कमी होने लगती है. इस उम्र के बाद एक बार 'बोन मिनरल्स डेंसिटी' चेक कराएं. यह जांच सीटी स्कैन या डेक्सा के माध्यम से की जाती है. यदि हड्डियों का घनत्व कम हो, तो डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन डी की सप्लीमेंटरी मेडिसिन लें. इससे होने वाली समस्याओं से बचने के लिए महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार लेना चाहिए.

डाइट
कैल्शियम और विटामिन डी की प्रचुरता वाले आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए. मेनोपॉज से पहले रोजाना 1,000 मिग्रा और उसके बाद करीब 1,500 मिग्रा कैल्शियम महिलाओं को लेना चाहिए. दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करें. आहार में नियमित रूप से पालक, बीन्स, केला, संतरा, सेब जैसे फलों व सब्जियों को लें.

रोजाना धूप ले
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित कर हड्डियों को मजबूत बनाता है. महिलाओं को प्रति सप्ताह कम-से-कम 50 हजार यूनिट विटामिन डी लेना जरूरी है. धूप विटामिन डी का सर्वोतम प्राकृतिक स्त्रोत है. दिन में कम -से-कम 20-25 मिनट धूप लें.

कारण
  • महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन में तेजी से कमी आना.
  • शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी.
  • आरामतलबी जीवनशैली और मोटापा.
  • जिनकी ओवरी (बीमारी के कारण) 40 साल पहले हटानी पड़ी हो.
  • चाय, कॉफी, स्मोकिंग और अल्कोहल का अत्याधिक सेवन.
  • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज, हाइपो थायराइड, रूमेटॉइड आर्थराइटिस, सीलिएक, किडनी या लिवर की बीमारियां.

नियमित एक्सरसाइज करें
नियमित एक्सरसाइज से इस बीमारी के खतरे को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. इससे हड्डियां ही नहीं, जोड़ो को सपोर्ट देने वाली मांसपेशियां भी मजबूत होती है और उनमें लचीलापन बना रहता है. एक्सरसाइज शुरू करने से पहले एक बार फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श जरूर लें.

परहेज जरूरी
वजन नियंत्रित रखने के लिए घी या मक्खन जैसे अतिरिक्त वसा और संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थो का सेवन सीमित मात्रा में ही करें. शर्करा का सेवन कम-से-कम करें. शर्करा की अधिक मात्रा रक्त में अम्लता पैदा करती है, जिससे हड्डियों से कैल्शियम ज्यादा मात्रा में निकलता है. इसी तरह महिलाओं को आहार में उच्च फास्फेट वाले खाद्य पदार्थो से भी परहेज करना चाहिए जैसे, प्रोसेस्ड और केन फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि. इनसे एस्ट्रोजन हार्मोन कम होते है, जिससे अस्थिक्षरण बढ़ता है.

अंतिम शब्द (Last word)
दोस्तों, इस लेख में आपने ऑस्टियोपोरोसिस क्या हैं (What is Osteoporosis) इसके बारे में जाना है. यदि आपको यह लेख अच्छा एवं उपयोगी लगे, तो इसे अपने परिचितो में साझा जरूर करे.

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